मशरूम की खेती एक ऐसी खेती है जो किसानों के जीवन स्तर को सुधार सकती है मशरूम को एक कमरे में भी उगाया जा सकता है, इसको उगाकर किसान अपनी आय को 6-7 गुना कर सकते हैं.पिछले कुछ वर्षों में भारतीय बाजार में मशरूम की मांग तेजी से बढ़ी है, जिस हिसाब से बाजार में इसकी मांग है, उस हिसाब से अभी इसका उत्पादन नहीं हो रहा है, ऐसे में किसान मशरूम की खेती और त्तेज पते की खेती से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
दुनिया में खाने लायक मशरुम की लगभग 10000 प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें से सिर्फ 70 प्रजातियां हीं खेती के लिए सही मानी जाती हैं। भारतीय जलवायु में मुख्य रुप से 3 प्रकार की खाने योग्य मशरुमों की बङे स्तर पर खेती की जाती है। सितम्बर महीने से नवंबर तक ढींगरी (ऑयस्टर) मशरुम की खेती कर सकते हैं, इसके बाद आप बटन मशरूम की खेती कर सकते हैं, फरवरी-मार्च तक ये फसल चलती है, इसके बाद मिल्की मशरूम की खेती कर सकते हैं जो जून जुलाई तक चलता है। इस तरह आप साल भर मशरूम की खेती से लाखों की कमाई कर सकते हैं।” साथ ही मुर्गी फार्म भी खोल सकते हैं
Contents
मशरूम की खेती के लिए भूसा तैयार करने की विधि
मशरूम को भूसा, पुआल आदी पर आसानी से उगाया जा सकता है. एक बात का ध्यान रखना होता है कि यह बरसात में भिगा हुआ न हो, वरना पैदावार प्रभावित हो सकती है. मशरूम को उगाने के लिए गेहूं का भूसा या धान के पुआल को सबसे उपयुक्त माना जाता है. इस्तेमाल से पहले भूसा या पुआल को उपचारित करना जरूरी है. भूसा या पुआल को काट कर आप जूट या कपड़े की छोटी थैलियों में भरकर गर्म पानी में कम से कम 12 से 16 घंटे तक डुबोकर रखते हैं ताकि भूसा पानी अच्छी तरह से सोख ले. इसके बाद गर्म पानी में इसे डाल देते हैं.खेती की जगह पर भूसा डालने से पहले फर्श को धोकर या पॉलीथीन शीट बिछाकर 2 प्रतिशत फॉर्मलीन के घोल का छिड़काव किया जाता है.
भारत में मशरूम मुख्य रूप से तीन तरह की खेती कर सकते हैं
- बटन मशरूम
- ढिंगरी मशरूम (ऑयस्टर मशरुम)
- दूधिया मशरूम (मिल्की)
सफेद बटन मशरूम की खेती कैसे करें
भारत में सफेद बटन मशरुम की खेती पहले कम तापमान वाले क्षेत्रों में की जाती थी, लेकिन आजकल नई तकनीकियों को अपनाकर इसकी खेती देश के विभिन्न क्षेत्रों में भी की जा रही है। सरकार द्वारा सफेद बटन मशरूम की खेती के लिए प्रोत्साहन दिया जा रहा है। बटन मशरूम के कवक जाल के फैलाव के लिए 22-26 डिग्री सेल्सियस तापमान की आवश्यकता होती है। इस तापमान पर कवक जाल बहुत तेजी से फैलता है। बाद में इसके लिए 14-18 डिग्री सेल्सियस तापमान ही उपयुक्त रहता है। इसको हवादार कमरे, सेड, हट या झोपड़ी में आसानी से उगाया जा सकता है। बटन मशरूम की खेती एक विशेष प्रकार की खाद पर ही की जाती है जिसे कम्पोस्ट कहते हैं सबसे पहले ये खाद तैयार करना जरूरी है
मशरूम के बीज को स्पान कहतें हैं। बीज की गुणवत्ता का उत्पादन पर बहुत असर होता है अत: मशरूम का बीज या स्पान अच्छी भरोसेमदं दुकान से ही लेना चाहिए। बीज एक माह से अधिक पुराना भी नही होना चाहिए। बीज की मात्रा कम्पोस्ट खाद के वजन के 2-2.5 प्रतिशत के बराबर लें। बीज को पेटी में भरी कम्पोस्ट पर बिखेर दें तथा उस पर 2 से 3 सेमी मोटी कम्पोस्ट की एक परत और चढा दे। या पहले पेटी में कम्पोस्ट की 3 इचं मोटी परत लगाऐं और उसपर बीज की आधी मात्रा बिखेर दे। उसके बाद मे उस पर फिर से 3 इंच मोटी कम्पोस्ट की परत बिछा दें और बाकी बचें हुए बीज उस पर बिखेर दें । इस पर कम्पोस्ट की एक पतली परत और बिछा दें।बीजाई के पश्चाज पेटी अथवा थैलियों को मशरूम कक्ष में रख दें तथा इन पर पुराने अखबार बिछाकर पानी से भिगो दें। कमरे मे पर्याप्त नमी बनाने के लिए कमरे के आगन व दीवारों पर भी पानी छिडकें। इस समय कमरे का तापमान 22 से 26 डिग्री सेंन्टीग्रेड तथा नमी 80 से 85 प्रतिशत के बीच होनी चाहिए।अगले 15 से 20 दिनों में मशरूम का कवक जाल पूरी तरह से कम्पोस्ट में फैल जाएगा। इन दिनों मशरूम को ताजा हवा नही चाहिए अत: कमरे को बंद ही रखें।
ढिंगरी मशरूम (ऑयस्टर मशरुम) खेती की सम्पूर्ण जानकारी
ऑयस्टर मशरूम की खेती परंपरागत खेती से थोड़ी आसान और सस्ती है। इसमें दूसरे मशरूम की मुकाबले में औषधीय गुण भी अधिक होते हैं। दिल्ली, कलकत्ता, मुम्बई जैसे बड़े शहरों में इसकी माँग बढती जा रही है। इसीलिये बिते कुछ सालो में इसके ढिंगरी मशरूम उत्पादन में 8-9 गुना वृद्धि हुई है। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, केरल, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों में भी ढिंगरी मशरूम की खेती लोकप्रिय हो रही है।ढिंगरी मशरूम की खेती के लिए भूसे को बिना सड़ाये केवल रासायनिक या गर्म पानी उपचार के बाद ढिंगरी मशरूम की बीजाई करके उपज प्राप्त की जाती हैं।
ढिंगरी मशरूम का उत्पादन अनुकूल वातावरण में 20 से 25 दिन में ही प्राप्त हो जाता हैं। ढिंगरी मशरूम के उत्पादन हेतु गेहूँ का ताजा भूसा, जिसकी लंबाई 1-1.5 सेमी हो, जिसमें अन्य फसलों के अवशेष नहीं हो, एवं बारिश से भीगा हुआ नहीं हो, काम में लिया जाता है। सबसे पहले भूसे को एक खास विधि के द्वारा तैयार कर लिया जाता है ढिंगरी मशरूम को उगाने के लिए भुसा तैयार होने के पश्चातढिंगरी मशरूम के बीज (स्पॉन) को 2-3 प्रतिशत के हिसाब से मिलाया जाता हैं। मतलब की 90-100 किलोग्राम गीले भूसे में 2-3 किलोग्राम बीज मिलाया जाता है। बीज कितना मिलाना है ये तापमान पर निर्भर करता है। तापमान कम होने पर बीज की दर कम (2 प्रतिशत) तथा तापमान ज्यादा होने पर बीज की दर अधिक (3 प्रतिशत) रखी जाती है। तैयार किए गये भूसे में बीज मिलाने के लिए सबसे पहले भूसे में बीज (स्पॉन) व भूसे दोनों को अच्छी तरह मिला लिया जाता है। इस बीज व भूसे के मिश्रण को एक साथ प्लास्टिक की थैलियों में जिनका आकार 50-60 सेमी हो व नीचे के दोनों कोने काट ले, फिर उस में भरा जाता है। ध्यान रहे की ऊपर व नीचे की ओर भूसे की परत ही होनी चाहिए। इस प्रकार तैयार किये हुए बैग्स को ताखों पर रखा जाता है ताकि बिज जल्दी बङे हो। बीज बढ़ते समय उत्पादन कक्ष का तापमान 20 से 26 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच एवं आर्द्रता 70-80 प्रतिशत हो तो बीज जल्दी बङता है इस समय बीजाई किये हुए बैग्स को सिंचाई की जरूरत नहीं होती। उपयुक्त तापमान एवं नमी पर 15 दिनों में बीज बढ़वार भूसे में अच्छी तरह से फैल जाती है।
दूधिया मशरूम (मिल्की) की खेती कैसे करें
दूधिया मशरूम बुआई के लिए एक किलो ग्राम तैयार भूसा में 40 से 50 ग्राम बीज की जरूरत पड़ती है. 16 सेंटी मीटर चौड़ा और 20 सेंटी मीटर ऊंचा पीपी बैग में पहले उपचारित भूसा डाल दें. बीज डालने के बाद इसे उपचारित भूसा से ढक दें. एक पीपी बैग में दो तीन सतह दूधिया मशरूम बुआई की जा सकती है. यह प्रक्रिया पूरी करने के बाद आप पीपी बैग को बांध कर अंधेरे कमरे में रख दें. ध्यान रखें कि 2 से 3 सप्ताह तक तापमान 28-35 डिग्री तक रहे और 80-90 प्रतिशत नमी बनाएं रखें.कुछ दिन आप देखेंगे कि आपका बैग कवक जाल से भर गया होगा. इसके बाद आप इस पर केसिंग कर दें. केसिंग के लिए पुराना गोबर सबसे उपयुक्त माना जाता है. केसिंग प्रक्रिया के बाद देखरेख करना जरूरी हो जाता है. नमी बनाए रखने के लिए पानी का छिड़काव भी कर सकते हैं.
मशरूम को कहा पर बेचे (How to sell mushroom)
मशरूम की मांग कई जगहों पर होती है, इसको बेचने के लिए शहर में होटलों से इस का व्यापार कर सकते हैं और दवाएं बनाने वाली कंपनियां इसे खरीद के लिए तैयार रहती है इसके अलावा मशरूम का उपयोग अधिकतर चाइनीज खाने में किया जाता है. इसके अन्य लाभकारी गुणों के कारण इसको मेडिकल के क्षेत्र में भी उपयोग किया जा रहा है. इतना ही नहीं इसका निर्यात एवं आयात भी कई देशों में किया जाता है, अर्थात इसको बेचने के लिए बहुत से क्षेत्र मौजूद है.
मशरूम की खेती में खर्च (Investment mushroom farming)
इस पर होने वाला खर्च इस बात पर निर्भर करता है कि आप कितने बड़े स्तर पर यह व्यापार शुरू करना चाहते हैं आपके स्तर पर इस का खर्चा निर्भर करता है मशरूम में बस आपको इसकी देखभाल एवं उगाने के स्थान को बनाने में ही पैसे लगाने पड़ेगें. इसके अलावा कीटनाशक दवाओं का इस्तेमाल करने के लिए भी खर्च आएगा. अगर आप छोटे स्तर पर मशरूम की खेती शुरू करते है, तो 30000 रुपए से 70000 रुपए तक लगा सकते हैं. वहीं बड़े स्तर के लिए आप 1 लाख रुपय से 10 लाख रुपए का निवेश कर सकते हैं
मशरूम की खेती में कितना लाभ (mushroom farming profit margin)
मशरूम खेती में लाभ की बात करें तो पूरे विश्व में इस व्यापार में हर साल 12-13 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हो रही है. इसका अर्थ यह है, कि आप इस व्यापार में कम समय में ही अच्छा मुकाम हासिल कर सकते है. अगर आप 100-200 वर्गमीटर में व्यापार आरम्भ करते है, तो आपको लगभग 1 लाख रुपए से लेकर 5 लाख तक का लाभ मिल सकता है, वो भी हर साल. हालांकि ये आपकी उत्पादन क्षमता पर निर्भर करेगा.
FAQ
मशरूम कितने दिन में तैयार होता है?
मशरूम की बहुत सारी प्रजाति होती है सामान्य तौर पर मशरूम 2.5 से 3 महीने में तैयार हो जाता है
मशरूम कितने रुपए किलो बिकता?
मशरूम की अलग प्रजाति की अलग-अलग कीमत होती है कुछ मशरूम 10-12 हजार रुपए किलो बिकता, जिन तीन मशरूम प्रजातियों की खेती भारत में होती है वह मंडी में 200 से ₹300 किलो बिकते हैं और होटलों में 400 से ₹500 किलो बिक जाती हैं
मशरूम के बीज कहाँ मिलेगा?
मशरूम बीज आपको ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों मिल जाएगा ऑनलाइन आपको अमेजॉन पर आसानी से मिल जाता है
मशरूम की खेती में कितना फायदा है?
मशरूम की खेती में आपका लागत से 7 से 8 गुना तक का फायदा है आप अपनी तरफ से एक लाख लगाकर 7 से 8 लाख मशरूम की खेती से कमा सकते हैं
नये बिजनेस जानकारी के लिए यह भी पढ़े
इस पत्ते के सिर्फ 100 पौधों से होती है सालाना 2 लाख रुपये तक की कमाई, सरकार भी करती है सहयोग
मुर्गी पालन का बिजनेस कैसे शुरू करें
एक आधुनिक डेयरी फार्म कैसे खोलें, और कैसे करें 10 गाय से 1 लाख तक की कमाई
5 सबसे ज्यादा कमाई वाला बिजनेस-2022
Ola partner बन के शुरू करें बिज़नेस हर महीने 50 हजार रुपए तक होगी कमाई